Saturday, March 10, 2018

Chaitra Sankranti and Mundane Affairs

मीन राशि में सूर्य के संक्रमण अर्थात चैत्र संक्रांति को षडशीतिमुख कहते हैं। संक्रांति यदि आधी रात से पूर्व हो तो पूर्व दिन का उत्तरार्ध पुण्यकाल होता है आधी रात के उपरांत संक्रांति हो तो अगले दिन का पूर्वार्ध पुण्यकाल होता है।
रात्रि के पहले पहर में पड़ने वाली संक्रांति भूतों और पिशाचो का नाश करती है। धनिष्ठा नक्षत्र में होने के कारण संक्रांति की संज्ञा सम है। सम संज्ञक नक्षत्रो में संक्रांति मुहूर्त्ति होती है 30 मुहूर्ति मीन संक्राति में स्नान, दान, जप इत्यादि का विशेष पुण्य काल मध्याह्न बाद होगा। मुहूर्त्ति संक्रांति में अन्न समभाव ही रहता है न महंगा न सस्ता लेकिन दूध और दही महंगे होंगे ।


 चैत्र संक्रांति इस बार चैत्र कृष्णपक्ष द्वादशी को पड़ रही है।


सूर्य बुध और शुक्र पर मंगल की दृष्टि और धनु राशि में शनि मंगल की युति भारत की क्षेत्रीय राजनीति में  उठापटक के संकेत देती है। निर्यात अच्छा रहेगा। किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति का निधन हो।

जन्म नक्षत्र अनुसार संक्रांति फल


जन्म नक्षत्र संक्रांति चार्ट में जहाँ आये वैसा ही फल मिलेगा जैसे श्रवण, धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र के जातकों के लिए संक्रांति यात्रा का शुभ संयोग लाएगी

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-:Anju Anand

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